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भारतीय लेखिका परिषद् ‘ लखनऊ ‘ की आजीवन सदस्या होने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ और यहाँ लेखन ने कुछ और गति पकड़ी | इस तरह मेरे जीवन में शिक्षण व लेखन दोनों ही ने अपना-अपना स्थान बना लिया था |अपने शिक्षण कार्य में व्यस्त होने के कारण कभी इस और ध्यान ही नहीं गया कि इंटरनेट की किसी हिंदी साईट पर भी रचनाएँ प्रकाशित हों |
अक्तूबर २०१० में एक दिन याहू की साईट पर दैनिक जागरण में साहित्य के कॉलम पर कुछ देखना चाह रही थी संयोगवश मेरी दृष्टि ‘ब्लॉग’ के कॉलम पर जा टिकी और कुछ जिज्ञासावश उसे क्लिक किया तो जागरण जंक्शन की साईट पर पहुँच गयी तो यह देख कर बहुत ख़ुशी हुई कि यहाँ भी हिंदी में लिखा जा सकता है तत्पश्चात जागरण जंक्शन पर अपना नाम पंजीकृत कराया और ‘साहित्य कृति ‘ के नाम से लिखना प्रारम्भ कर दिया | अधिकतर काव्य विधा में ही अपने उद्गारों को अभिव्यक्त करती हूँ इसलिए जागरण जंक्शन पर मैंने सर्वप्रथम १६ अक्तूबर २०१० को ‘ वीर पुत्र ‘ कविता को पोस्ट किया और तब से लेकर आज तक इस उच्च स्तरीय मंच पर लेखन कार्य बराबर चल रहा है| कविता , कहानी और लेखों के रूप में कई ब्लॉग लिखे हैं तथा सभी ब्लॉगर साथियों के सहयोग ,स्नेह , सद्भावना व प्रोत्साहन रुपी पुष्पों से निरंतर सुसज्जित किये जाते रहे हैं | इस मंच पर अपने वरिष्ठ ब्लॉगर साथियों से सारगर्भित प्रतिक्रियाएं मिली और उनकी रचनाओं से प्रेरणा प्राप्त कर बहुत कुछ सीखने को मिला व ज्ञान अर्जित किया | इस मंच पर हर विधा में बहुत ही सुन्दर रचनाएँ पढने को मिलीं | पुराने व नए सभी ब्लॉगर्स ने इस मंच को अपनी-अपनी रचना रुपी सुगन्धित पुष्पों से सुगन्धित किया जिसकी सुरभि ने सुदूर देशों को भी सुवासित किया और आज भी यह सुरभि शीतल व मंद पवन के साथ निरंतर जन-जन में प्रवाहित हो रही है | इस मंच पर कुछ ब्लॉगर्स ऐसे भी हैं जिनका क्षेत्र साहित्य न होते हुए भी वे साहित्य के प्रति रूचि रखते हुए अद्वितीय प्रतिभा के धनी हैं और विभिन्न विधाओं में अपनी सार्थक व उत्कृष्ट रचनाओं से परिचित करा रहे हैं और स्वतन्त्र लेखन के माध्यम से साहित्य की सेवा कर रहे हैं |
मेरी दृष्टि में जागरण जंक्शन ने हम सभी को एक ऐसा मंच दिया है जहाँ हर कोई एक मर्यादित रूप में अपने विचारों की अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण रूपेण स्वतन्त्र है| यह एक वृहद् परिवार की भांति है जहाँ सभी एक नए रिश्ते के साथ आते हैं और अदृश्य रूप में परस्पर एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं , रचनाओं की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति के लिए प्रोत्साहित करते हुए , नवागंतुक का हार्दिक स्वागत करते हुए व पारिवारिक सदस्यों की भांति बात करते हुए दृष्टिगत होते हैं, एक दूसरे के शुभचिंतक हैं सभी सम्मानित सदस्यों के प्रति सम्मान की भावना से ओतप्रोत हैं | जब किसी भी सदस्य को इस परिवार में किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है तो ये सदस्य बिना किसी हिचक के सहायता करने के लिए तत्पर रहते हैं | मुझे भी यहाँ पर कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा और यदा कदा जब भी संगणक सम्बन्धी समस्या हुई तो हमारे युवा ब्लॉगर साथियों ने आगे आकर मेरी सहायता की | बहुत प्रसन्नता होती है जागरण परिवार के प्रति मन मानस में मधुर स्मृतियों की तरंगें तरंगित होती रहती हैं जिसके परिणामस्वरूप आज दिन तक भी जागरण जंक्शन से जुडी हुई हूँ और यहाँ मेरे स्वतन्त्र लेखन को निरंतर गति मिली यहाँ अपने कई साथियों से मेल व नेट पर वार्तालाप करने के कई शुभ अवसर भी मिले इसके लिए जागरण के प्रति हार्दिक आभार…… |
अंत में मैं यही कहूँगी कि जागरण जंक्शन जन-जन की स्वतन्त्र अभिव्यक्ति का एक उच्च स्तरीय वैश्विक मंच है जिस पर विभिन्न रचनाकार अपनी तूलिका से विभिन्न रंग सर्वत्र विकीर्ण कर देता है जिसकी छटा सर्वत्र दर्शनीय है…….!
कुछ पंक्तियाँ…..
यहाँ साहित्य ,संस्कृति ,कला और संगीत का संगम ,
गूँजतीं हैं जागरण के मंच पर स्वर लहरियां हरदम |
प्रेम की चलतीं आंधियां तो कभी इत्र में डूबीं हवाएं बहतीं
जागरण जंक्शन की पट्टिका पर संकल्प शक्ति से
लिखे गए यहाँ विविध रेखा चित्र……!!!
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