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जागरण टीम के सभी सदस्यों व इस वैश्विक मंच के सभी ब्लॉगर साथियों को सपरिवार ज्योति पर्व की हार्दिक मंगलकामनाएं !!!!!!
आओ सब मिल दीये जलाएं ऐसे कि..
मन के अँधेरे में आस का दीया जल जाये !
हर शुष्क कली के अधर पर मुस्कान आ जाये ,
सभी ‘काँटों’ का भी शबनमों में नहान हो जाये |
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ज़हर ही ज़हर तो भरा यहाँ मनों में
विष भरे घट पर अमृत की धार बहायें |
ज़ख़्मी हृदय पर संवेदना- मलहम लगायें ,
कहीं मेंहदी भरे हाथ भी सूने न हो जाएँ |
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ले बंसरी छेड़ दे मधुर तान औ सरस गीत सुना ऐसे,
कि कफ़न भी ज़िन्दगी के मधुर स्वरों में गुनगुनाएं |
यहाँ बेगाने हुए रिश्ते नातों को नव गति नव ताल दे ,
दीयों की जगमगाहट में सभी रिश्ते झिलमिला जाएँ |
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किसने दिया औ क्या न दिया मत सोच
‘उसके’ दिए को तू बस एक ‘दीया’ समझ |
और उस दीये के साथ ‘मन का दीया ‘ ये
ऐसे जला कि जल उठें सभी के अंतस-दीये |
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दीवाली करती आत्मीय ऊष्मा को आलोकित
जगमगाती दीपों की आवली उर में भर उजास|
नवताल ,लय और छंद से कर देती सुसज्जित ,
जलाएं दीये मन के…. लिए यही आस कि …..
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साथ हमारे जल उठेंगे दीये असंख्य यहीं आस-पास
जलाएं दीये अंतस के कि न रह जाये कहीं घना तमस
रह न जाये कहीं घना तमस ……घना तमस ……
आओ जलाएं सभी मिलकर सद्भावनाओं के दीये!!!!!!!!
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दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं
अलका
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